भागदौड़ भरी जिंदगी में शांति चाहते हैं तो इन जगह पर जरूर जाएं

आज की लाइफ में आपको दौड़ भाग कुछ ज्यादा ही करनी पड़ती है जिसके चलते आपको कहीं भी शांति नहीं मिलती है. शांति के लिए आप कई बार आध्यात्मिकता का सहारा लेते हैं और कहीं मंदिर या आश्रम में जाना पसंद करते हैं. अगर आप भी जीवन की भागदौड़ से थक चुके हैं और कुछ वक्त के लिए आत्मिक शांति चाहती हैं तो भारत में मौजूद इन आश्रम में जा सकती हैं. 


आर्ट ऑफ़ लिविंग आश्रम
श्री श्री रविशंकर द्वारा 1982 में स्थापित, आर्ट ऑफ़ लिविंग आश्रम पूरे विश्व में तनाव दूर करने और सेल्फ डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए जाना जाता है. यहां पर मुख्य रूप से ब्रीदिंग टेक्निक, मेडिटेशन व योगा पर अधिक जोर दिया जाता है. वैसे तो आर्ट ऑफ़ लिविंग के कई छोटे आश्रम पूरे देश में मौजूद है, लेकिन मुख्य रूप इसे यह आश्रम बैंगलोर के 36 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में उडिपल्या गांव के पास पंचगिरी पहाड़ियों में स्थित है.


ईशा फाउंडेशन
तमिलनाडु के वेलियांगिरी पर्वत के बेस में मौजूद ईशा योग केन्द्र एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1992 में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की थी. इसका उद्देश्य योग और बाहरी कार्यक्रमों जैसे पर्यावरणीय कायाकल्प के माध्यम से लोगों की आध्यात्मिक और फिजिकल वेलबींग को बढ़ावा देना है. यहां पर इनर इंजीनियरिंग के रूप में जाना जाने वाला 3-7 दिन का कार्यक्रम संचालित किया जाता है, जिसमें व्यक्ति मेडिटेशन से लेकर अपने भीतर मौजूद शक्तिशाली आंतरिक ऊर्जा को महसूस करता है.


माता अमृतानंदमयी आश्रम
केरल के कोल्लम में माता अमृतानंदमयी आश्रम है. यह त्रिवेंद्रम से 110 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. माता अमृतानंदमयी को सभी लोग अम्मा के नाम से भी जानते हैं. वह दुनिया में प्यार और करुणा की कमी को दूर करने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करती हैं. यहां पर योग, मेडिटेशन व प्रणायाम आदि की प्रैक्टिस भी होती है.